धर्म की शुरुआत कैसे हुई



 धर्म क्या है? ये सवाल हमेशा हमारे मन में आता है। धर्म की शुरुआत कहां से हुई? धर्म का सही अर्थ क्या है? धर्म की शुरुआत किसने, कब और कहां की? धर्म की परिभाषा क्या है? धर्म का अर्थ क्या है? मानव जीवन में धर्म का क्या महत्व है? मानव जीवन में धर्म का क्या स्थान है? ये सभी सवाल हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण हैं। इन सवालों के जवाब हर इंसान जानना चाहता है। हर इंसान धर्म के बारे में जानना चाहता है। हम सभी धर्म को जानना चाहते हैं, धर्म को समझना चाहते हैं। हम सभी हमेशा धर्म को जानने और पहचानने की कोशिश करते हैं। धर्म क्या है? हर इंसान की सोचने की शक्ति अलग-अलग होती है, लेकिन कुछ सवाल ऐसे होते हैं, जो हर इंसान के मन में आते हैं। उन्हीं सवालों में से एक सवाल है कि धर्म क्या है? इन सभी सवालों के जवाब हम हर दिन ढूंढने की कोशिश करते हैं और हर बार हमें एक नया जवाब मिलता है। इन जवाबों के जरिए ही हम धर्म को जानने और समझने की कोशिश करते हैं। जैसे-जैसे हम धर्म को जानने की कोशिश करते हैं, धर्म के प्रति हमारी रुचि बढ़ती जाती है। धर्म को समझना इतना आसान नहीं है। धर्म अपने आप में एक सागर है, जिसकी गहराई कभी कोई नहीं माप पाया है।  धर्म उस हवा की तरह है जिसे कोई रोक नहीं सकता, कोई देख नहीं सकता, उसे केवल महसूस किया जा सकता है।

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